Friday 15 August 2014

माँ तुझे सलाम॥

तेरे आँचल ने मुझको पनाह से नवाज़ा,
तेरी रूह ने मुझको समुन्दर दिखाया। 
तेरी मिट्टी ने मुझको चलना सिखाया,
तेरी ममता ने मुझको जीना सिखाया। 
भारत माँ, तुझे सलाम॥ 

तेरे विश्वास ने मेरा होंसला बढ़ाया,
तेरे एहसास ने मुझे उठना सिखाया। 
तेरे हाथों ने मेरा जीवन सँवारा,
तेरे आशीर्वाद ने मुझे कामयाबी का मार्ग दिखाया। 
भारत माँ, तुझे सलाम॥ 

तेरे रास्तों ने मुझे शिखर तक पहुँचाया,
तेरी वादियों ने मेरे सीने को तराशा। 
तेरी महक ने मेरी मेरी रूह को महकाया,
तेरी आवाज़ ने मेरी धड़कन को पुकारा। 
भारत माँ, तुझे सलाम॥ 

तेरे अश्कों ने मेरे दिल को रुलाया,
तेरे दर्द से मेरा मन डगमगाया। 
तेरी पुकार ने मेरी आत्मा को जगाया,
तेरे आसमान ने मुझे बवंडरों से बचाया। 
भारत माँ, तुझे सलाम॥ 

तेरे चरणों में खिलता मेरा ये वतन,
तेरे जवानों के बलिदान में ये मेरा शीश नमन। 
तेरे मज़हब के दर पर मेरा सादर प्रणाम,
तेरी मुहोब्बत की रूहानियत में ये जान कुर्बान। 
भारत माँ, तुझे सलाम॥ 


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