Friday 8 August 2014

बेइंतेहा इश्क़

तुमसा ना कोई है,
तुमसा ना कोई होगा।
मुहोब्बत तुमसे हुई है ,
अब कोई दर्द ना होगा।

तुम बस्ते हो हमारी साँसों में,
तुम हस्ते हो हमारी मुस्कराहट में।
तुम पर तो ये जान निसार है,
तुम पर तो हमे ऐतबार है।

तुम नहीं, तो ये आँखे नम है,
तुम नहीं, तो ये वादियाँ बेज़ुबान है।
तुम हो, तो ये दिल धड़कता है।
तुम हो, तो ये रूह महकती है।

हम तुमसे मुहोब्बत करते है,
बेइंतेहा इश्क़ तमसे है।
ये साँसे खामोश हो जाएँगी,
अगर तुम इन आँखों से दूर हो गए।

 चाहते है हम तमको खुद से बी ज्यादा,
 तम्हारी हर झलक के दीवाने है।
दुनिया से बी लड़ लेंगे हम,
तम्हारी मुहोब्बत में इतनी रवानी है।

चाहते है हम तुमको खुद से बी ज्यादा,
तम्हारी हेर झलक के दीवाने है।
दुनिया से बी लड़ लेंगे हम
तम्हारी मुहोब्बत में इतनी रवानी है।

तुमसा ना कोई है,
तुमसा ना कोई होगा।
मुहोब्बत तुमसे हुई है ,
अब कोई दर्द ना होगा।



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